जोधपुर, राजस्थान का एक प्रमुख शहर है जो अपनी ऐतिहासिक महत्वपूर्णता और सौंदर्यिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह अपने किले, महलों, और विशेषता से भरपूर है, जिसे ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
1. Mehrangarh Fort

मेहरांगढ़ किला, जोधपुर का सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक दुर्ग है। इसे “महाराजा का किला” भी कहा जाता है और यह शहर की ऊँचाई पर स्थित है। इसका निर्माण महाराजा राओ जोधा सिंह ने 1459 में किया था।
यह किला विशाल, मजबूत और भव्य है, जिसका उद्दीपन चारों ओर से फैले पड़ोसी राज्यों की रक्षा के लिए किया गया था। इसमें कई सुंदर महल, मंदिर, और म्यूज़ियम हैं जो इसे एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर बनाते हैं।
किले की ऊँचाई से शहर का पूरा दृश्य देखा जा सकता है और यहां से सूर्यास्त और सूर्यास्त का दृश्य अत्यधिक सुंदर होता है। मेहरांगढ़ किला बहुत ही आकर्षक और ऐतिहासिक स्थल है जो जोधपुर के इतिहास और समृद्धि की कहानी को दर्शाता है।
मेहरांगढ़ किले की दीवारें और दरवाज़े विभिन्न कला और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के साथ सजीव हैं। यहां दीवारों पर छायांकन, शस्त्र-कला, और राजपूत सेना के योद्धाओं की जीवनी का वर्णन किया गया है। किले के विभिन्न कोनों से हमें शहर के संस्कृति और इतिहास की गहराईयों से मिलता है।
इसके अलावा, महाराजा के महलों में से एक, “महाराजा पालेस” भी है, जो एक लोकप्रिय परिवार के आवास के रूप में बनाया गया था। इस पैलेस की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में की गई थी और आज यह एक लक्जरी होटल के रूप में सेवाएं प्रदान करता है।
मेहरांगढ़ किला आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और स्थानीय लोगों और विदेशी पर्यटकों को अपने सुंदर और ऐतिहासिक वातावरण के लिए प्रख्यात है। आपके भव्य दृष्टिकोण से लेकर इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण, यह किला जोधपुर के समृद्धि और गरिमा की कहानी का मुख्य आधार है।
2. Ganesh Handicrafts

गणेश हैंडीक्राफ्ट्स, जोधपुर का एक प्रमुख हस्तशिल्प केंद्र है जो स्थानीय शिल्पकला और हस्तशिल्प की सुंदरता को प्रमोट करता है। यह स्थान विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और कला का प्रदर्शन करता है जो जोधपुर के स्थानीय कला और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
गणेश हैंडीक्राफ्ट्स में आपको विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और कला का विविध संग्रह देखने को मिलता है। यहां आपको राजस्थानी लाक कला, कच्छी उत्सव की सामग्री, मोज़याइक और खासकर सिरकी कला की अद्वितीयता मिलती है। स्थानीय कलाकारों की हथकरघा से बने उत्कृष्ट आइटम्स, शिल्पकला का साहसपूर्वक समृद्ध करते हैं।
गणेश हैंडीक्राफ्ट्स का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलुवार यह है कि यह स्थानीय शिल्पकला को समर्थन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है जो स्थानीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने और बेचने का अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से यह स्थानीय शिल्पकला को नए और विशेष दर्शकों तक पहुँचने का एक साधन बन रहा है।
गणेश हैंडीक्राफ्ट्स जोधपुर की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने और स्थानीय कलाओं को समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ है, जो आगामी पीढ़ियों को इस समृद्धि और सौंदर्य से भरे क्षेत्र की ओर प्रवृत्त करता है।
गणेश हैंडीक्राफ्ट्स का दौरा करना जोधपुर आने वाले पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव हो सकता है। यहां आप स्थानीय शिल्पकला की सजीव और रंगीन दुनिया में खो जाएंगे। गणेश हैंडीक्राफ्ट्स में बनाई गई कला की महक और शैली ने इसे एक सुंदरता का केंद्र बना दिया है।
यहां आपको राजस्थान की पारंपरिक शैली में बनी लाक कला की चीज़ें मिलेंगी, जो विश्वभर में अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध हैं। ये आइटम्स आपके घर को सजाने और सौंदर्य बढ़ाने के लिए उपयुक्त हैं, और इनमें स्थानीय कलाकारों की मेहनत और दक्षता की छाया हुआ है।
गणेश हैंडीक्राफ्ट्स का इतिहास भी बहुत रोचक है, क्योंकि यह शिल्पकला के क्षेत्र में स्थानीय कलाकारों को समर्थन और प्रोत्साहित करने का कारण बना हुआ है। यहां आप शिल्पकला के माध्यम से स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का अनुसंधान कर सकते हैं और विभिन्न प्रदर्शनी गैलरियों में नवीनतम और उत्कृष्ट कला को देख सकते हैं।
गणेश हैंडीक्राफ्ट्स की यात्रा से आप न केवल सुंदर और आकर्षक सामग्रीयों को खरीद सकते हैं, बल्कि आपको राजस्थानी हस्तशिल्प और सांस्कृतिक धरोहर की गहरी जानकारी भी मिलेगी, जिससे आपका इस समृद्धि भरे प्रदेश के प्रति और भी बढ़ेगा।
3. Jaswant Thada

जसवंत ठाड़ा, जोधपुर, राजस्थान का एक शानदार और शांतिपूर्ण स्मारक है। इसे भी “जसवंत ठाड़ा का चबूतरा” कहा जाता है, और यह महाराजा जसवंत सिंह की याद में बनाया गया था।
जसवंत ठाड़ा व्यक्तिगत श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया है जो महाराजा जसवंत सिंह के समर्थन और गर्व की भावना को दर्शाता है। इस स्थल पर महाराजा जसवंत सिंह और उनके उत्कृष्ट सेवाओं की मूर्तियों द्वारा उनकी अजब गवाही है।
ठाड़ा का चबूतरा सफेद संगमरमर से बना है और इसकी सुंदरता और अनूठापन को देखकर यह एक शांतिपूर्ण और मानवीय स्थल बनाता है। यहां के माध्यम से आप जोधपुर के रैजनल स्थानीय स्थलों के प्रति एक नई समझ और समर्पण का अनुभव कर सकते हैं।
ठाड़ा का चबूतरा जोधपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और यहां आने वाले पर्यटकों को राजस्थान के रचनात्मक और रंगीन विरासत का अद्वितीय अनुभव करने का अवसर प्रदान करता |
जसवंत ठाड़ा का चबूतरा एक शांतिपूर्ण स्थल है जहां आप शांति और आत्मा को छूने का अवसर पा सकते हैं। इस चबूतरे का नाम जसवंत सिंह के पुत्र, महाराजा सुमर सिंह के अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह की स्मृति में रखा गया है। यहां से जोधपुर का पूरा दृश्य देखा जा सकता है और यह एक सुंदर सरोवर के किनारे स्थित है, जिसमें सफेद हंस और लाल लिलियों का निर्माण है।
यह चबूतरा एक शानदार आर्किटेक्चरल डिजाइन के साथ बना है जिसमें संगमरमर की शैली व्यक्त होती है। चबूतरे का आकर्षक भव्य दृश्य शहर के सारे दिशाओं में फैला हुआ है और यहां से आप जोधपुर की रूचि को पूरी तरह से अनुभव कर सकते हैं।
इस स्थल के पास स्थित समाधियाँ और मंदिरों के संग्रह से आप यहां के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को भी समझ सकते हैं। जसवंत ठाड़ा का चबूतरा एक आध्यात्मिक और सौंदर्य पूर्ण स्थल है जो यहां के प्रति आपकी भक्ति और आत्मा को नए उच्चायों ले जाएगा।
चबूतरे का दौरा करते समय, आप महाराजा जसवंत सिंह के योगदान और उनके समर्पण की अद्भुतता को महसूस करेंगे, जो इसे एक अद्वितीय स्थान बनाता है जोधपुर में।
4. Umaid Heritage Art School

उमेद हेरिटेज आर्ट स्कूल, जोधपुर, राजस्थान का एक प्रमुख कला स्कूल है जो स्थानीय शिल्पकला और हस्तशिल्प की शिक्षा प्रदान करता है। यह स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां छात्र विभिन्न कला शैलियों, रंगों, और अभिव्यक्ति के माध्यम से अपनी कला कौशल में सुधार कर सकते हैं।
उमेद हेरिटेज आर्ट स्कूल ने अपने शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय युवा कलाकारों को प्रेरित किया है और उन्हें सांस्कृतिक विरासत के प्रति उत्साही बनाया है। यहां कला, शिल्पकला, और हस्तशिल्प के क्षेत्र में उन्नति के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं जो छात्रों को नए और नवीनतम शैलियों को सीखने का अवसर प्रदान करती हैं।
यहां के शिक्षक और निर्देशक अपने विशेषज्ञता क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं और छात्रों को मार्गदर्शन करने के लिए सकारात्मक एवं समर्थनीय हैं। छात्र यहां ना केवल अपने कला कौशल को विकसित करते हैं, बल्कि वे अपने समृद्धि भरे भविष्य की दिशा में भी तैयारी कर सकते हैं।
उमेद हेरिटेज आर्ट स्कूल ने जोधपुर में कला और सांस्कृतिक उन्नति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि विश्व स्तर पर भी पहचान प्राप्त कर रहा है
उमेद हेरिटेज आर्ट स्कूल ने न केवल कला के क्षेत्र में नए प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया है, बल्कि यह एक ऐसा केंद्र भी है जहां स्थानीय और विदेशी छात्र आकर्षित होते हैं। छात्र यहां विभिन्न कला शैलियों में माहिर बनते हैं, जैसे कि पेंटिंग, स्कलप्चर, और हस्तशिल्प।
यह स्कूल विभिन्न कला तकनीकों की शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ, राजस्थान की रिच कला और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में भी सक्रिय रूप से शामिल है। यहां के कला शिक्षक और शिक्षिकाएं छात्रों को समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता के साथ राजस्थानी कला की गहरी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करती हैं।
यहां के छात्र अपनी कला में निरंतरता और नवाचार की भावना से भरे रहते हैं और इस स्कूल के माध्यम से वे नए-नए दृष्टिकोण और उच्चतम स्तर की कला की ओर बढ़ते हैं।
उमेद हेरिटेज आर्ट स्कूल की यह पहल, स्थानीय कला और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति छात्रों की जागरूकता और समर्पण को बढ़ावा देने के लिए सरा
5. Umaid Bhawan Palace Museum

उमेद भवन पैलेस म्यूज़ियम, जोधपुर, राजस्थान का एक शानदार संग्रहालय है जो महाराजा उमेद सिंह द्वारा बनवाया गया था और यहां विशाल संपत्ति, कला, और सांस्कृतिक धरोहर को सजीवता के साथ प्रदर्शित करता है।
इस संग्रहालय का नाम स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल और भारतीय सेना के मुख्यालय के नायक, महाराजा उमेद सिंह के नाम पर रखा गया है। यहां के साक्षात्कार, छवियाँ, और विभिन्न आइटम्स के माध्यम से आप महाराजा के जीवन और कार्य के बारे में अधिक जान सकते हैं।
उमेद भवन पैलेस म्यूज़ियम ने राजस्थानी सांस्कृतिक विरासत को समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है और यहां के प्रदर्शनी हॉल्स ने यह सुनिश्चित किया है कि यह न केवल विदेशी पर्यटकों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक शिक्षाप्रद स्थल है।
म्यूज़ियम की भव्यता और इसमें संगृहीत सामग्री की विविधता से, आपको राजस्थान के भव्य और ऐतिहासिक विरासत की अनुभूति होती है, जो इस क्षेत्र की गरिमा और भव्यता को दर्शाती है।
यह संग्रहालय विभिन्न कला और शैलियों को प्रस्तुत करता है, जिनमें पेंटिंग्स, स्कलप्चर्स, और पुरातात्विक सामग्री शामिल हैं। यहां के प्रदर्शनी हॉल्स में आप राजस्थानी सांस्कृतिक कला के विभिन्न पहलुओं को जान सकते हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र के इतिहास और सांस्कृतिक संस्कृति में नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान किया हैं।
उमेद भवन पैलेस म्यूज़ियम का एक अद्वितीय तत्व यह है कि यह स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूक करने का एक अच्छा साधन प्रदान करता है। स्थानीय कला और शिल्पकला को प्रमोट करने के लिए यहां विभिन्न कला कार्यशालाएं और कला प्रदर्शनीय आयोजित की जाती हैं, जिससे स्थानीय कलाकारों को एक मंच प्राप्त होता है अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए।
यह स्थल राजस्थान के सुंदर और ऐतिहासिक विरासत को सजीवता के साथ रखने का कारण बना है और यह आपको एक समृद्धि भरे और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भरपूर अनुभव प्रदान करने का अवसर देता है।
6. Rao Jodha Desert Rock Park

राव जोधा डेज़र्ट रॉक पार्क, जोधपुर, राजस्थान, एक अद्वितीय प्राकृतिक उद्यान है जो शहर के पास बसा हुआ है और यहां प्राकृतिक सौंदर्य, पौधों की विविधता, और आपदा प्रबंधन की शिक्षा प्रदान करता है।
यह पार्क नामकारण महाराजा जोधा के नाम पर हुआ है, जिन्होंने जोधपुर की स्थापना की थी। इस पार्क का उद्देश्य डेज़र्ट एरिया को संरक्षित करना और इसे सांस्कृतिक और वन्यजन्तु संरक्षण के साथ मिलाकर सुंदर और प्राकृतिक हवाओं को बढ़ावा देना है।
यहां प्राकृतिक रॉक फॉर्मेशन, चिरपिंग पौधों, और वन्यजन्तुओं की देखभाल के लिए एक शानदार स्थान है। इसमें कई प्रजातियों की अन्यथा देखने को मिलती हैं, जो सूचीबद्ध हैं।
पार्क में होने वाले पैथवे और वॉकवे प्रदर्शनीय हैं और यहां आने वाले पर्यटकों को डेज़र्ट के सुंदरता और प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेने का अवसर प्रदान करते हैं। यह स्थान एक स्वाभाविक आत्मा से भरा हुआ है और यहां के पौधों, पशुओं, और प्राकृतिक आवास की बढ़ती हुई संख्या से इसे एक सुखद और शांतिपूर्ण स्थान बनाता है।
राव जोधा डेज़र्ट रॉक पार्क का आगे का हिस्सा एक प्राकृतिक अभियांता है जो इसके अद्वितीय पैरामीटर का संरक्षण करने के लिए बनाया गया है। यहां पर प्राकृतिक बांधों, पोंड्स, और छोटे जलस्रोतों की एक नेटवर्क है जो वन्यजन्तुओं को आकर्षित करने के लिए बनाया गया है। इससे यहां के प्राकृतिक पर्यावरण को बढ़ावा मिलता है और सुनसान इलाकों में जीवन की गतिविधियों को पुनर्स्थापित करने में मदद करता है।
यहां विभिन्न प्रजातियों के पौधों, झाड़ियों, और बाग-बगिचों का आकर्षण है जो इस क्षेत्र के वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं। पार्क में आने वाले पर्यटकों को यहां के स्थानीय जीवन के साथ एक मेलजोल अनुभव करने का मौका मिलता है, जो इसे एक अद्वितीय प्राकृतिक अनुभव बनाता है।
राव जोधा डेज़र्ट रॉक पार्क में बने हर कोने से आपको यहां के रेजिडेंट पक्षियों, कृषि वन्यजीवों, और वन्यजीवों का अन्यतम साहस महसूस होगा। यहां की विशेष वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों की योजना और प्रबंधन ने इसे एक आदर्श और स्वस्थ पार्क बनाया है जो शहर के लोगों को स्वास्थ्यपूर्ण और नैतिक आत्मा में बढ़ावा करता है।
7. Walk to blueCity heritagetour

“वॉक टू ब्लू सिटी हेरिटेज टूर” जोधपुर, राजस्थान का एक अद्वितीय और रोमांटिक हेरिटेज टूर है जो आपको इस शहर के साहसिक और सुंदर स्थलों की यात्रा करने का अवसर प्रदान करता है। इस टूर के माध्यम से आप जोधपुर के सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक स्थलों का पैदल दौरा करके इसके समृद्धि और सौंदर्य को महसूस कर सकते हैं।
इस टूर में आपको महाराजा के महलों, हवेलियों, और गलियों का खोज करने का मौका मिलेगा, जहां आप राजपूत और मारवाड़ी सांस्कृतिक के आदिकाल से जुड़े हुए स्थलों को देख सकते हैं। इसमें मेहरांगढ़ किला, जसवंत ठाड़ा, उमेद भवन, और अन्य प्रमुख स्थलों का समावेश है।
यह टूर आपको जोधपुर की सबसे गहन और मोहक कहानियों के साथ मिलता है और आपको इस ब्यूटीफुल ब्लू सिटी के साथ गहरा जोड़ करता है। यह एक साहसिक और प्रेरणादायक यात्रा है जो जोधपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को नए दृष्टिकोण से देखने का मौका प्रदान करती है।
“वॉक टू ब्लू सिटी हेरिटेज टूर” जोधपुर शहर का अनूठा और रोमांटिक यात्रा स्थल है जो आपको इस भव्य शहर के विविध और ऐतिहासिक स्थलों का परिचय कराता है। यह टूर एक पैदल यात्रा है जिसमें आप शहर की गलियों, बाजारों, और प्रमुख स्थलों को कदम से कदम मिलाकर तालाशते हैं और इसकी रिच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े होते हैं।
इस टूर का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि पर्यटक शहर के प्रमुख स्थलों को जानकर उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को समझ सकें। आपको इस यात्रा में शहर के विभिन्न क्षेत्रों की सुंदरता, ब्यूटीफुल हवाओं, और लोकल शैली का मजा करने का मौका मिलेगा।
यह टूर जोधपुर की गलियों में चलने का एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, जो राजस्थान की राजपूती सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का पूर्णरूप से आनंद लेने का मौका प्रदान करता है। इसमें महाराजा के महल, चारबाग, जसवंत ठाड़ा, और अन्य प्रमुख स्थलों को शामिल किया गया है, जिनमें आपको उनके समृद्धि और विभिन्नता का महसूस होगा।
इस यात्रा के दौरान आप शहर की मित्ती की सड़कों पर चलकर उसकी गहन और आदर्शवादी सुंदरता को अपनी आँखों से देख सकते हैं और इसके रोमांटिक माहौल में खो जा सकते हैं। यह टूर आपको जोधपुर के विचित्र और सुरम्य कोनों को समझने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है और आपको इस शहर के साथ गहरा जोड़ करता है।
8. Balsamand Lake and Garden

बलसमंद झील और बाग, जोधपुर, राजस्थान, एक प्रसिद्ध प्राकृतिक सौंदर्य स्थल है जो शहर के पास स्थित है। यहां पर्यटकों को शांतिपूर्ण और हरित वातावरण में समय बिताने का अवसर मिलता है।
बलसमंद झील राजपूताना शैली में बने हैरान करने वाले महलों और हवेलियों के साथ विख्यात है। इसका निर्माण 13वीं सदी में हुआ था और यह एक प्राचीन सागरिक तालाब है जिसे महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाया गया था।
बलसमंद झील के आस-पास का वातावरण शांतिपूर्ण और हरित है, जिसमें आप घूम सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। झील के किनारे स्थित बाग में विभिन्न प्रजातियों के फूलों और पौधों का आनंद लेने का भी अवसर है।
बलसमंद झील एक शानदार पिकनिक स्थल है जहां पर्यटकों को आत्म-साक्षात्कार करने और प्राकृतिक सौंदर्य से जुड़े रहने का अवसर मिलता है। यहां चलने का आनंद लेते हुए आप शहर के शोर-शराबे से दूर एक शांतिपूर्ण महौल में विश्राम कर सकते हैं।
9. Pukhraj Durry Udhyog

“पुखराज दर्री उद्योग” जोधपुर, राजस्थान में स्थित है, एक प्रमुख दर्री और शिल्पकला उद्योग है जो स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का कारण बना है।
यहां पुखराज दर्रियां बनाई जाती हैं, जो शहर की पारंपरिक कला और शिल्पकला का एक शानदार उदाहरण प्रदान करती हैं। ये दर्रियां रंगीन और सुंदर डिजाइनों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो स्थानीय कलाकारों की मेहनत और प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
पुखराज दर्री उद्योग में आप विभिन्न प्रकार की दर्रियां और गरमागरम आदन-प्रदन देख सकते हैं, जो राजस्थान की स्थानीय सांस्कृतिक बौद्धिकी और कला को दर्शाने का एक अद्वितीय तरीका है। यहां के शिल्पकलाओं का एक अच्छा उदाहरण, जो स्थानीय बाजारों और पर्यावरण को सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की ओर प्रवृत्ति करता है।
“पुखराज दर्री उद्योग” जोधपुर में एक स्थानीय उद्योग है जो अपनी अद्वितीय और सुंदर दर्रियां बनाता है। यहां की दर्रियां विशेषता से उच्चतम गुणवत्ता की होती हैं और इसे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान मिली है।
पुखराज दर्री उद्योग का उद्देश्य स्थानीय शिल्पकला और हस्तशिल्प को संरक्षित रखना और उसे बढ़ावा देना है। यहां के कलाकारों ने विभिन्न रंग, डिज़ाइन, और पैटर्न्स के साथ विविध दर्रियां बनाने में अपनी कला को प्रदर्शित किया है।
यह उद्योग आदिकाल से आ रही शिल्पकला को नए और सुंदर रूपों में प्रस्तुत करने का कारण बना है। इसके रूपी ग्राहकों को विशेषता से भरा हुआ अनुभव होता है, जो स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को आदान-प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त करता है।
पुखराज दर्री उद्योग की दर्रियां गर्मी में ठंडक प्रदान करने के साथ-साथ सुंदर और आकर्षक भी होती हैं, जो इसे एक विशिष्ट और लोकप्रिय ब्रांड बनाता है। यहां की स्थानीय शिल्पकला को समर्थन करने का एक उदाहरण है और इस उद्योग ने स्थानीय कलाकारों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
10. Ghanta Ghar

“घंटा घर” जोधपुर, राजस्थान का एक प्रमुख सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह शहर के मुख्य बाजार में स्थित है और इसका नाम इसमें स्थित बड़े घंटे के कारण प्राप्त हुआ है।
घंटा घर जोधपुर की संरचनाएँ और विश्वासी आर्किटेक्चर का एक अद्वितीय उदाहरण है। इसमें ऊँचे स्तम्भ, आकर्षक स्थानीय शैली के साथ निर्मित बड़ी घड़ी और सुंदर चित्रण हैं। यह बाजार के केंद्र में खड़ा है और यहां से आप शहर की सभी दिशाओं की सुंदरता को देख सकते हैं।
घंटा घर का निर्माण महाराजा सरदार सिंह द्वारा 20वीं सदी में किया गया था और यह शहर के समृद्धि और विकास का प्रतीक है। इसका उद्दीपन राजपूताना शैली में किया गया है और इसमें चारों दिशाओं की ओर मुख्य द्वार है, जो इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाता है।
घंटा घर का दृश्य सूचीबद्ध और सांस्कृतिक महत्त्वपूर्णता के साथ शहर का एक आत्मीय स्थल है। यहां आने वाले पर्यटकों को शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का महसूस करने का अद्वितीय अनुभव होता है और घंटा घर की ऊँचाई से शहर के प्रसरण को देखने का मौका मिलता है।
घंटा घर की सुंदर घड़ी और उसकी ऊँची शिखा नगर के चारों ओर आसमान की ओर उठती है, जिससे यह एक प्रभावशाली और आकर्षक स्थल बनाती है। इसकी सुंदरता रात्रि में जब घड़ी ज्यों ही जलती है, तो दोगुना हो जाती है, जो इसे राजस्थान की राजपूताना महाराजा सिंह की संपत्ति के रूप में और अधिक अत्यंतीकता प्रदान करता है।
घंटा घर ने समय की गुणवत्ता को दर्शाते हुए शहर के एक महत्त्वपूर्ण दर्शनीय स्थल के रूप में अपनी जगह बनाई है। यहां से आप शहर की सुंदरता, रंगीनी, और शौर्य को समझ सकते हैं और इसके ऐतिहासिक महत्त्व को महसूस कर सकते हैं। घंटा घर ने अपने समय के धारावाहिकता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए अपनी पहचान बनाई है और इसे राजस्थान के एक अद्वितीय दर्शनीय स्थल के रूप में स्थायी रूप से याद किया जाता है।