वाराणसी के 10 स्थान जो आपने कभी नहीं देखे होंगे |

1. Ganges River

वाराणसी के 10 स्थान जो आपने कभी नहीं देखे होंगे | वाराणसी के 10 स्थान जो आपने कभी नहीं देखे होंगे |

गंगा नदी, जिसे गंगा भी कहा जाता है, यह दुनिया की सबसे पवित्र और प्रसिद्ध नदियों में से एक है। यह भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती है, और इसकी उत्पत्ति उत्तराखंड राज्य के गंगोत्री ग्लेशियर से होती है। इस नदी का भारतीय उपमहाद्वीप में महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता है।

गंगा हिन्दू धर्म में पवित्र मानी जाती है, और इसके किनारे कई प्राचीन शहर, जैसे कि वाराणसी, हरिद्वार, और इलाहाबाद हैं। भारत और बाहर से आने वाले पर्यटक गंगा के किनारे धार्मिक रीति-रिवाजों को अनुसरण करने, स्नान करने, और अपने प्रियजनों की श्राद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं, जिन्हें यह मान्यता है कि ऐसा करना पापों से मुक्ति प्राप्त करने में मदद करता है।

गंगा के अलावा, इसका महत्वपूर्ण योगदान है जो कृषि को समर्थन देने और लाखों लोगों के लिए पानी प्रदान करने में होता है। हालांकि, नदी को औद्योगिक अपशिष्ट और असफल सीवेज से होने वाले प्रदूषण की कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों का सामना करने और गंगा की स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

गंगा नदी न केवल उसके किनारे रहने वाले लोगों के लिए एक जीवन रेखा है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक भी है। यह समर्थन, श्रद्धांजलि, और पर्यावरणवादियों के लिए स्त के रूप में एक आदम्य, पूज्य, और संरक्षण के लिए स्रोत बना हुआ है|

 

2. Sarnath

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सारनाथ एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भारत में स्थित है। यह स्थान गौतम बुद्ध के धर्मचक्र प्रवर्तन के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। सारनाथ उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जनपद में स्थित है और इसे बौद्ध धर्म के सांगीकृत चीनी नाम “धर्मचक्र प्रवर्तन स्थल” के रूप में भी जाना जाता है।

गौतम बुद्ध ने यहीं सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था, जिसे हम “धर्मचक्र प्रवर्तन” कहते हैं। इस घटना के बाद, बुद्ध ने अपने शिष्यों को धर्म का पथ बताना शुरू किया था। सारनाथ में स्थित अशोक के सांगमित्रा स्तूप ने इस महत्वपूर्ण घटना को स्मृति में रखने के लिए बनवाया गया था।

सारनाथ का भव्य बौद्ध महाविहार, धर्मचक्र स्तूप, और मूलग्रंथ स्तूप से युक्त है, जो भिक्षु संघ के लिए एक महत्वपूर्ण तात्कालिक शिक्षा केंद्र था। आज भी सारनाथ एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां लोग बुद्ध धर्म के अध्ययन और ध्यान के लिए आते हैं।

3. Dasaswamedh Ghat

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दशाश्वमेध घाट वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख घाट है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसका नाम सनातन धर्म में महत्त्वपूर्ण होने वाले दश अश्वमेध यज्ञों से जुड़ा है।

दशाश्वमेध घाट विशेष रूप से हिन्दू धर्म में प्रमुख कुंडल आराधना की स्थलों में से एक है, जहां सुबह-सुबह लोग स्नान करते हैं और अपने देवता-देवीयों की पूजा अर्चना करते हैं। इस घाट पर होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होना भी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।

दशाश्वमेध घाट का एक और विशेषता है कि यह हरिद्वार कुंड का सीधा संबंध है, जिसमें विशेष रूप से गंगा दशमी तिथि को यहां पहुंचती है और फिर हरिद्वार की ओर बढ़ती है। इस घाट पर आयोजित होने वाले आरती और पूजा समारोह भी यहां के पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं|

4. Assi Ghat

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आसी घाट वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध घाट है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और एक पवित्र स्नान स्थल के रूप में माना जाता है। इसका नाम आसी नामक अश्व के आधार पर है, जिसे हिन्दू पौराणिक कथाओं में महत्त्वपूर्ण रूप से जोड़ा गया है।

आसी घाट भी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां लोग अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध करने आते हैं और सुबह-सुबह नदी में स्नान करते हैं। यह एक प्रिय ध्यान स्थल भी है, जहां योगियों और ध्यानी लोगों ने अपने मानसिक और आध्यात्मिक साधना के लिए समय बिताया है।

आसी घाट का सौंदर्यिक दृश्य और शांतिपूर्ण वातावरण इसे पर्यटन के लिए एक आकर्षक स्थल बनाता है। यहां होने वाले आरती और पूजा समारोह भी लोगों को अपनी भक्ति और आस्था का अनुभव कराते हैं।

5. Ruchika Art Gallery

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रुचिका आर्ट गैलरी का उद्देश्य स्थानीय कला और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रोत्साहित करना है। यहां स्थानीय कलाकारों को उनके प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है और समृद्धि के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है। गैलरी में चित्रकला, स्थापत्यकला, और अन्य कला रूपों का प्रदर्शन होता है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर रहे हैं।

रुचिका आर्ट गैलरी स्थानीय समुदाय के लोगों को सांस्कृतिक अनुभव करने का एक स्थान भी प्रदान करती है जो कला और सांस्कृतिक रूपों के प्रति रुचि रखते हैं।

6. Banaras Ghats

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बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह शहर गंगा नदी के किनारे के विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां के घाट सदियों से हिन्दू धर्म, सांस्कृतिक और तात्कालिक जीवन का हिस्सा रहे हैं और बनारस की विशेषता को बढ़ाते हैं।

गंगा के किनारे स्थित ये घाट विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। काशी विश्वनाथ घाट, असी, मनिकर्णिका, दशाश्वमेध, प्रयाग, और तुलसी घाट जैसे अनेक घाट यहां स्थित हैं, जो प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

इन घाटों पर आयोजित होने वाली गंगा आरती, स्नान, और पूजा की रिवाजें इन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र बनाती हैं। यहां से गंगा की शान्ति और पवित्रता का अनुभव करने का अद्वितीय मौका होता है और यह भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा है।

7. Shri Kashi Vishwanath Temple (Golden Temple)

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (सोने का मंदिर)

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, जिसे सोने का मंदिर भी कहा जाता है, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह एक अत्यंत प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है।

मंदिर का नाम “काशी विश्वनाथ” शिवजी के एक नाम से आया है और “सोने का मंदिर” इसे इसके सुंदर सोने के शिखर के लिए भी पुकारा जाता है। मंदिर की स्थापना विशेष रूप से महाराजा रणजीत सिंह ने की थी और इसे सोने से आच्छादित करने का कारण इसे “सोने का मंदिर” कहा जाता है।

मंदिर का दर्शन करना हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है और इसे वाराणसी के तीर्थों का एक केंद्र माना जाता है। मंदिर के सुंदर स्वर्ण कलश और रूप संगीत से सजीव होने वाला शिवलिंग इसे विशेष बनाते हैं। मंदिर का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु यहां आते हैं और अपनी भक्ति और पूजा का अद्वितीय अनुभव करते हैं।

8. Manikarnika Ghat

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मणिकर्णिका घाट वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख घाट है जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह घाट हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है और इसे अनेक पौराणिक कथाओं से जोड़ा गया है।

मणिकर्णिका घाट एकमात्र स्थान है जहां गंगा नदी के किनारे अंतिम संस्कार क्रियाएँ होती हैं। यहां होने वाली अंत्येष्टि संस्कार में माना जाता है कि शव की अंतिम संस्कार क्रियाएँ अग्नि के साथ की जाती हैं और फिर शेषांश गंगा में बहा दिए जाते हैं।

इस घाट पर स्थित मणिकर्णिका कुंड सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और लोग मानते हैं कि यहां स्नान करने से अंतिम संस्कार की सफलता होती है। यहां के पास एक छोटे मंदिर भी है, जो मणिकर्णिका देवी को समर्पित है। मणिकर्णिका घाट विशेष रूप से श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रीयों के बीच में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरता है।

9. New Visanath Temple

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न्यू विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे “न्यू विश्वनाथ” के नाम से भी जाना जाता है।

न्यू विश्वनाथ मंदिर ने वाराणसी के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा के स्थापत्यकला अनुसार किया गया है और इसकी शिल्पकला अत्यंत आकर्षक है।

मंदिर का सुंदर शिखर और उच्च द्वार इसे एक आकर्षक दृष्टि स्थल बनाते हैं। यहां के अंदर भगवान शिव की मूर्ति और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थित हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं। मंदिर के परिसर में शिव-भक्तों के लिए विशेष पूजा स्थल भी हैं जो धार्मिक आत्मा को एकाग्र करने का स्थान हैं।

10. Ganga Aarti

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गंगा आरती एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक रिवाज है जो गंगा नदी के किनारे होने वाले घाटों पर प्रतिदिन आयोजित की जाती है। यह रिवाज गंगा माता की पूजा और उसके पवित्रता का समर्थन करने के लिए किया जाता है और इसे एक सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव माना जाता है।

गंगा आरती शाम के समय होती है और यह एक सुंदर साॅंग और पूजा का आयोजन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य गंगा नदी की पूजा और इसके पवित्र जल को देवी के रूप में मानना है।

आरती में प्रमुख भागों में दीप पूजन, शंख-छल, मंगलाचरण, भजन, कीर्तन और मुख्य आरती शामिल होती हैं। पुनरागमन के समय आरती को देखने वाले लोग विशेष रूप से भक्तिभाव से भर जाते हैं और गंगा के पवित्र जल को प्राप्त करने की इच्छा करते हैं। गंगा आरती का दृश्य सुंदर और भक्ति भाव से भरा होता है, जो श्रद्धालुओं को गंगा माता के साथ एक अद्वितीय संबंध का अनुभव कराता है।

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